वर्ष 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों को रोकने में हमारी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी 2009 के आम चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन गई थी। आम चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि ‘हम देश के हर नागरिक को अधिकतम सुरक्षा की गारंटी देते हैं। हम आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे, फिर उसका स्रोत चाहे कोई भी हो।’ घोषणा पत्र में यह भी कहा गया था कि ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पुलिस सुधारों की जरूरत को समझती और स्वीकार करती है। इसके लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव और पुलिस प्रशासन के बीच स्पष्ट अंतर किया जाएगा। हाउसिंग और शैक्षिक सुविधाओं के मामले में पुलिस बल के लिए अधिक बेहतर प्रबंधन किया जाएगा। पुलिस बल की विश्वसनीयता को एक संस्थागत स्वरूप दिया जाएगा।’