महातिर मोहम्मद अकेले नहीं हैं, जिन्हें लगता है कि भारत में ‘जरूरत से ज्यादा’ लोकतंत्र है। मलयेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री के इस बयान से आवाज मिलाते हुए केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यह जरूरत बता दी है कि अब देश में अनियंत्रित लोकतंत्र को अपनाने का समय आ गया है।
ऐसा सोचने वालों को लगता है कि अगर लोकतंत्र पर लगाम कस दी जाए, तो फैसले लेना आसान हो जाएगा और विकास की राह में रुकावटें नहीं आएंगी। फिर जैसाकि महातिर ने कहा, भारत चीन की बराबरी कर सकता है।