कई सालों से भारतीय रेलवे को विश्व मानकों के अनुरूप ढालने का दम भरा जा रहा है। सुरक्षा संबंधी दावे भी बढ़-चढ़ कर किए जाते हैं। मगर हकीकत यह है कि आए दिन देश के किसी न किसी हिस्से में गाड़ियों की आपसी टक्कर, उनके पटरी से उतरने, आग लगने आदि घटनाएं हो जाती हैं। पिछले साढ़े सात महीनों में करीब इक्यासी रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें तीन सौ से ऊपर लोगों को जान गंवानी पड़ी है। हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस में लगी आग इस सिलसिले की ताजा कड़ी है। इसमें सात लोग मारे गए। यह घटना रात के समय हुई, जब सारे मुसाफिर गहरी नींद में थे।