विश्व को भारत में संभावनाएं दिखाई दे रही है। वो हमारे देश को बाजार की तरह देखते हैं। उन्हें यहां 1 अरब से अधिक खरीददार दिखाई देते हैं। जहां वे अपने उत्पादों को बेच सकते हैं। हमारी मानवीय संपदा विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र है। यही कारण है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां हमारे देश में व्यवसाय के लिए आ रही है। उन्हें, यहां बेहतर आर्थिक भविष्य की संभावनाएं दिखती हैं। जबकि हम सवा सौ करोड़ लोग पूरी दुनिया के लिए उत्पादन करने में सक्षम हैं। आगे आने वाले समय में भारत को बाजार नहीं, उत्पादक देश बनना है। इसके लिए हमें अपने युवा शक्ति में भरपूर संभावनाएं दिखत