एक अप्रैल 2010 को ‘शिक्षा का अधिकार’ क़ानून 86वें संशोधन के तहत लागू किया गया था। इस क़ानून को लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यही था कि छह वर्ष से चौदह वर्ष तक के बच्चों की मुफ्त शिक्षा को सुनिश्चित किया जाये। इस क़ानून से शिक्षा प्राप्त करना न सिर्फ हर बच्चे का अधिकार बना बल्कि सरकार की भी जवाबदेही तय हो गयी।