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कितने आश्चर्य की बात है?
Published on 6 Jan 2015 - 15:17
कितने आश्चर्य की बात है कि जो लोग सोचतें हैं कि वे डॉक्टर, अस्पताल और दवाईयों का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं, वे ही लोग ये सोचतें हैं कि वे डॉक्टर, अस्पताल, दवाईयां और इसकी देखरेख के लिए सरकारी अफसरशाही के खर्च को वहन कर सकते हैं..
- थॉमस सोवेल
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डॉक्टर
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अस्पताल
दवाईयां
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अविनाश चंद्रा's blog
GPS ने दिया आदिवासियों को जमीनी हक
Published on 2 Aug 2013 - 19:54
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Author:
स्वामीनाथन अय्यर
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अधिकारों के दाग
Published on 14 May 2013 - 17:11
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