मेरे अम्बेडकर बनाम तुम्हारे अम्बेडकर
Submitted by अविनाश चंद्रा on April 13, 2018 - 13:48

इन दिनों देश में राजनैतिक व सामाजिक धड़ों के बीच एक अजीब सी होड़ मची है। यह होड़ है स्वयं को संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर के सच्चे अनुयाई साबित करने का।हालांकि इस प्रक्रिया में संविधान और संवैधानिक नियमों की धज्जियां उड़ाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाती। आम जनता यह सोचती रह जाती है कि क्या अम्बेडकर के सपनों का गणतांत्रिक देश यही है..
- आजादी.मी
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